रविवार, 29 मार्च 2009

क़ब्रगाह


कितने लोग दफ़न हुए इस ज़मीन में
कितने घर और कितने मुल्क....
तबसे ...जबसे यह ज़मीन बनी है!

....उनकी कब्रगाह पर ही तो बसी हुई हैं
सारी बस्तियाँ
हमारे घर....शहर....
दुकान...मकान...

उसी कब्रगाह पर खड़े हैं हम
एक और कब्रगाह बसाये हुए!!
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चित्र गुगल सर्च इंजन से साभार
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सोमवार, 9 मार्च 2009

इस सभ्यता के पास अनुकूल तर्क है!


यह बहुत चालाक सभ्यता है
यहाँ चिड़ियों को दाने डाले जाते हैं
और चिड़ियों को मारने के लिये बंदूकें भी बनती हैं

यहाँ बलत्कृत स्त्री
अदालत में पुनः एक बार कपड़े उतारती है

इस सभ्यता के पास
स्त्री को कोख में ही मार देने की पूरी गारंटी है


यहाँ पहली बरसात में
वर्षों की प्रतीक्षा से बनी गाँव की ओर
जाने वाली सड़क बह जाती है

सबसे बड़ी बात है...
इस सभ्यता के पास अनुकूल तर्क है!

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चित्र गुगल सर्च इंजन से साभार
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