
जानती हूँ मैं जंगल में होने के ख़तरों के बारे में
बीहड़ों और हिंस्र पशुओं के बीच से गुजरने की
कल्पना मात्र भी
किस क़दर ख़ौफ़नाक़ है!!
और जंगल की धधकती आग!
किसे नहीं जलाकर राख कर देती वो तो!!
जंगल में होने का मतलब है
हर पल जान हथेली पर रखना!
.....मैं ख़तरे उठाना चाहती हूँ ...
....जंगल में होने के सारे ख़तरे क्योंकि
मुझे भरोसा है जंगल के न्याय पर पूरा का पूरा
और वहाँ भरोसों की हत्या नहीं होती
आखि़रकार जंगल मेरा अपना है
सबसे पुराना साथी !
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चित्र गुगल सर्च इंजन से साभार
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