गुरुवार, 18 सितंबर 2008

कोई नहीं था.....

कोई नहीं था कभी यहां
इस सृष्टि में
सिर्फ
मैं...
तुम....और
कविता थी!

2 टिप्‍पणियां:

इरशाद अली ने कहा…

मौहब्बत करना कोई आप से सीखें। मैं तो हैरान कि इतरे सारे कलर्स आप कहां से ला रहे है

निर्झर'नीर ने कहा…

गागर में सागर