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शुक्रवार, 2 अक्तूबर 2009
गाँधी
कितनी बरसातों के बाद भी
रेत पर
उसके पाँवों के निशान हैं!!
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चित्र गुगल सर्च इंजन से साभार
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48 टिप्पणियां:
बेहतरीन चित्र खोज कर निकाला है और पंक्तियों ने उसमें चार चाँद लगा दिये. अंहिसा के इस पुजारी के पदचिन्ह अमिट हैं. नमन!!
बापू को नमन.
क्योंकि उन पर कोई चला नहीं है
ये निशान यूं ही कायम रहेंगे
इन पर कोई चलेगा भी नहीं
बापू को नमन ....निशान कायम रहेंगे तो उम्मीद रहेगी
..निशान कायम रहेंगे यही उम्मीद है।
कहां है रेत और कहां हैं पांवों के निशान...
सुन्दर पंक्तियाँ और चित्र ।
सन्ध्या जी,
बहुत कम शब्दों में बापू के बारे में बहुत कुछ कह दिया आपने।
पूनम
चित्र के साथ बापू को उनके जन्म दिन की बधाई का यह अंदाज़ पसंद आया.
हार्दिक बधाई.
यह भारत का दुर्भाग्य है की जो पदचिन्ह दिलो में बसने चाहिए थे, वहां से वे खेत रहे
ये उस हस्ती की विशालता, गुणों की महानता है कि कितनी भी कोशिशें कि गयी पर नोट सरकारी कार्यालयों में उनके कद्दावर शारीर तो नहीं पर मुस्कराते चहरे ज़रूर लटके मिलते हैं, उनकी ये हँसी महसूस कराती है कि वे अपने शैतान चुलबले नन्हें बच्चों की उन शैतानियों पर हंस रहे है, जो उनकी टंगी तस्वीर के नीचे देश और देश की जनता के साथ रोजाना किये जा रहे हैं...........
ले दे के बची रेत, जहाँ अमूनन ऐसे सत्ता नशीं व्यक्तियों का आना-जाना नहीं होता, पद-चिन्ह उस प्यारे बापू के आज भी नज़र आ जाते हैं, अच्छे भाव वालों को.
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
बापू के पदचिन्ह अमिट हैं!
minimum word... and lots of emotion...
its a writing magic...
meet
चित्र और भाव दोनों सुंदर हैं.
्सचमुच महात्मा गांधी जी की जगह दूसरा कोई नहीं ले सकता---उनके पदचिन्ह हमेशा हमे मार्ग दिखाते रहेंगे॥ प्रभावशाली अभिव्यक्ति।
हेमन्त कुमार
इतनी गर्मी में
कई दिनों की प्रतीक्षा के बाद आया एक झोंका.......
ताज़गी, ऊर्जा और कल्पना से सराबोर....
LAJAWAAB CHITR AUR DO PANKTIYON MEIN SADIYON TAK JEEVIT RAHNE WAALI BAAT KAH DI HAI AAPNE ...
kamal hai !!!!!!!!! itne km shabdon me itni badi baat !!!!!hardik badhai
baapu ko shat shat naman .ye padchinh anmol hai .
bahut sundar hai.
badhai.
कितनी सार्थक अभिव्यक्ति !
बहुत सुंदर !
प्रस्तुत पंक्तियों के सम्बन्ध में यही कहना चाहूँगा कि आपकी कल्पनाशीलता प्रशंसनीय है.
महात्मा गांधी के पदचिन्ह अमिट हैं.
संध्या जी,
एक अर्थपूर्ण चित्र के साथ सारगर्भित पंक्तियों ने सोने में सुगंध सा प्रभाव पैदा कर दिया।
आपके शब्द चमृत्कत कर देते हैं।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
wah! foto ke saath yeh panktiyan...bahut khoobsoorat hain........
सर्व प्रथम तो आपको बेहतरीन चित्र चयन के लिए !
कमाल का चित्र है !
आपकी लिखी दो पंक्तियाँ इतना कुछ अनायास ही कह जाती हैं मानो 'अभिनन्दन ग्रन्थ' हो !
बापू के पदचिन्ह जब तक दिखते रहेंगे तब तक मन में आशा तो कायम रहेगी ही !
आपका हार्दिक आभार
शुभ कामनाएं
आज की आवाज
कितनी बरसातों के बाद भी
रेत पर
उसके पाँवों के निशान हैं!!
Bapu ki prasangikta ko bayan karne wali isse behtar panktiyan kabhi nahin padhi.sadhuvad.
चंद शब्दों में आपने जो बात कह दी है, उसे बडे से बडे भाषण भी नहीं कह पाते हैं। इसे ही कहते हैं कविता।
करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं।
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बोटी-बोटी जिस्म नुचवाना कैसा लगता होगा?
अंहिसा के पुजारी बापू को नमन
कितनी बरसातों के बाद भी....
सुन्दर पंक्तियाँ और चित्र
behtarin.....aur ye nishaan kabhi mitane waale bhi nahi..chaahe ham rahe ya n rahe.....
Teen panktiyon main ....kitna kuch kah iya.....adbhut !!
Puuskaar ke liye bhee bahut -bahut Badhaii Sandhya ji
बहुत ही ख़ूबसूरत तस्वीर और उसके साथ आपके चंद पंक्तियों ने चार चाँद लगा दिया है!
Chitr aur kavita dono hi bahut kuch kah gaye.
वाह दो ही पंक्तियों में आपने एक कालजयी बात कह दी ।
गागर में सागर।
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WiSh U VeRY HaPpY DiPaWaLi.......
deepaawali mubarak ho..
Happy Diwali.
दिवाली की ढेर सारी शुभ कामनाएँ
आपको और आपके परिवार को दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें!
बापू के पड़ चिन्ह कैसे मिट सकते हैं --सुंदर भावः सुंदर चित्र । दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
आपको और आपके परिवार को दीपावली की मंगल कामनाएं.
अभूतपूर्व .....!!
नीचे की कविता.... "उस कच्चे रास्ते पर " भी लाजवाब....!!
kya chitra hai!
सुन्दर भाव ओर सुन्दर चित्र बापू को शत शत प्रणाम्
bahut hi umdaa
kuchh alag-sa
kaheeN kuchh ht.kr
lekin abhivyaktee bilkul
spasht aur saarthak
Lajwab...kam shabdon men badi bat...Gandhi ji ko naman.
waah ji..kaafi samay baad aa raha hoon...teen lines main aapne na jaane kya kah diya..
pankaj
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