aapko pahli baar padha ..aisa laga ki kisi bahut gahre insan ka likha hua hai.
or jaise jaise aapki rachnaye padhi to ye bhi maloom hua ki aapko itna baraa samman mila hai ..man prasann hua or shobhagy ki baat ki aapko padhne ka mauka mila .
GAANDHI, LAMP POST aour BAAZAAR ye teen padhhne se rah gai thi.., sandhyaji, yakeen maaniye, kam shbdo me arth deti rachnaa aapki behatreen upalbdhi he..kyaa jabardast baat he..vichaar he aour unkaa pratifal....
एक इतनी नन्ही सी कविता और इतना बड़ा कैनवस!! अद्भुत, चमत्कार. बहुत देर से आपके ब्लॉग पर आया हूँ, उम्मीद है आप देर आये दुरुस्त आए मान लेंगी. नव वर्ष पर शुभकामनाओं के साथ एक निवेदन--- अब कुछ नया पोस्ट कर दें.
57 टिप्पणियां:
सही व्याख्या..... छोटी मगर अच्छी रचना....
wah. bahut sundar.
बाज़ार तो
खुद बाज़ार का भी नहीं !
किसका?
पता नहीं !
फिर गर्म है बाज़ार का बाज़ार
कुद का ओल लगाए
घूम रहे हैं खरीददार !
खुद का मोल लगाए
बहुत बढिया!!
अरे वाह!!
कम शब्दों में बड़ी बात!! वाह!
यही तो होता है ,जो चीजें मेरे लिए हैं मेरी नहीं तुम्हारे लिए हैं तुम्हारी नहीं
कम शब्दों में लिखी गहरी बात ........ सच है बाज़ार किसी का नही है .....
इतनी दमदार परिभाषा ....वाह
waah ........bahut hi gahri baat chand lafzon mein .........ati sundar.
इतना सत्य, इतना दर्द छिपा है इन चंद शब्दों में...
निशब्द हूँ...
मीत
bahut km shabdoN meiN
aisi gehri aur sachchee baat !!
aapki lekhni ko salaam .
समझा दिया आपने
दुरुस्त है ।
AAJ AAPKI "SAMKALEEN BHARTIY SAHITY" MEIN DO RACHNAYEIN PADI "SATH" AUR "SATAH PAR" DONO HI BAHUT SUNDAR.. AUR YAH BAZAR KO LEKAR PANKTI.. ADBHUT!!
KOI NAYA SANKALAN NIKLA HO TO SUCHIT KARIYE
Kam shabdon men bahut kuchh kahatee rachana---
Poonam
Waah! Chand alfaaz...lekin kya kuchh nahee jatate!
बेहतरीन रचना
बहुत -२ हार्दिक शुभ कामनाएं
kya baat hai sandhya ji....wah
कितना सही
हमारे लिये है
पर हमारा नही ।
-बाजार किसी का नहीं होता
-vah!
sandhya ji
aapko pahli baar padha ..aisa laga ki kisi bahut gahre insan ka likha hua hai.
or jaise jaise aapki rachnaye padhi to ye bhi maloom hua ki aapko itna baraa samman mila hai ..man prasann hua or shobhagy ki baat ki aapko padhne ka mauka mila .
beshaq aap samman ki haqdaar hai.
bandhai swikaren.
waah! bahut khoob lagi yah kshanika!
bahut hi marak bat kahi Aapne satsaiya ke dohre ki tarah !
shubhkamnayen
बाजार ने तुमको (हमको) गुलाम बना दिया है.
bahut khoob ,moti anmol hai .kavyaanjali par intjaar hai .
GAANDHI, LAMP POST aour BAAZAAR
ye teen padhhne se rah gai thi..,
sandhyaji, yakeen maaniye, kam shbdo me arth deti rachnaa aapki behatreen upalbdhi he..kyaa jabardast baat he..vichaar he aour unkaa pratifal....
उफ़्फ़्फ़....बहुत ही सशक्त क्षणिका मैम!
... बहुत खूब, "गागर में सागर" !!!!!!
apki is vyakhya ko to shabdkosh me jagah milni chahiye.
Gaagar men saagar se bhi zyaadaa.
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अंग्रेज़ी का तिलिस्म तोड़ने की माया।
पुरुषों के श्रेष्ठता के 'जींस' से कैसे निपटे नारी?
गागर में सागर भर दिया है आप ने..
नव वर्ष की शुभकामनाये ..
आशु
गागर में सागर भर दिया है आप ने..
नव वर्ष की शुभकामनाये ..
आशु
गागर में सागर भर दिया है आप ने..
नव वर्ष की शुभकामनाये ..
आशु
may God grace fill your ife in coming new year.
नव वर्ष मंगलमय हो
बहुत सुन्दर रचना.
आपको सपरिवार नववर्ष की शुभकामनाएं!
आज के सच की
सटीक व्याख्या
बहुत ही सार्थक रचना
नव वर्ष २ ० १ ० की
मंगल कामनाएं
naya varsha mubarak ho.
2010 me shyad is Bazar kee haqiqat ujagar ho.
Ranjit
गागर में सागर।
नव वर्ष की अशेष कामनाएँ।
आपके सभी बिगड़े काम बन जाएँ।
आपके घर में हो इतना रूपया-पैसा,
रखने की जगह कम पड़े और हमारे घर आएँ।
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2009 के ब्लागर्स सम्मान हेतु ऑनलाइन नामांकन
साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन के पुरस्कार घोषित।
इसे कहते हैं निशब्द
Kam shabdon men badi bat...dilchasp.
बाजार को लेकर यह छोटी सी कविता में गंभीरता है और चिंता है. बधाई.
आपको नये साल २०१० की असंख्य शुभ कामनाये !
छोटी किंतु बहुत सश्क्त रचना।
उफ़ !
क्या सिद्दत से " बाज़ार " बतलाया है .
कमाल है!!!!
काश! बाज़ार-मोहितों को यह सच समझ में आ जाये ? यह कविता बिना किसी अतिशयोक्ति के अत्याद्भुतम!
Great meaningful lines.
Happy New Year to you and yours!
कुछ न कहकर भी सब कुछ कह दिया.
एक इतनी नन्ही सी कविता और इतना बड़ा कैनवस!! अद्भुत, चमत्कार.
बहुत देर से आपके ब्लॉग पर आया हूँ, उम्मीद है आप देर आये दुरुस्त आए मान लेंगी.
नव वर्ष पर शुभकामनाओं के साथ एक निवेदन---
अब कुछ नया पोस्ट कर दें.
आपको और आपके परिवार को नए साल की हार्दिक शुभकामनायें!
बहुत बढ़िया रचना लिखा है आपने!
bahut badhiya likha hai aapne!!!
bhadhai sweekar karein|
सशक्त और प्रभावी
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